सकारात्मक सुविचार
This blog is all about a compilation of positive vibes flowing out from the writer's mind.
" मेरा स्पष्ट मत है कि अशिक्षा ने कभी मानवता को इतना नीचे नहीं गिराया जितना शिक्षा, क्योंकि शिक्षा स्वार्थी, आत्मकेंद्रित, और विभाजन की सीख देती है। "
"
हम चाहते क्या दुनिया है-
- दुनियाँ की सारी शक्तियां हम में निहित हो जाएं
- हम जो चाहे तुरंत और अभी प्राप्त हो
- हर तरफ हमारी प्रशंसा हो बुराई करने वाला कोई ना हो
- हम जो करें सही माना जाए और उसकी कोई निंदा ना करें
- दुनिया की सारी सुख सुविधाएं सिर्फ हमें प्राप्त हो
पर एक आध्यात्मिक मनुष्य जिसे इन सभी का उपयोग कर लिया हो उसे समझ आ जाता है कि उपरोक्त व्यर्थ है सबसे बड़ी खुशी तभी मिलती है जब आप कुछ देते हैं। "
लेखक
" लोग कहते हैं कि प्रतिस्पर्धा बढ़ गई हैं और मैं यह कहता हूं सफल होना जितना आसान आज है उतना कभी भी नहीं था बस आप हर दिन इतना कर पाओ कि शीशे के सामने खुद को देख कर यह कह सको कि मैं इससे ज्यादा मेहनत कर ही नहीं सकता था। "
लेखक
" खुद द्वारा खुद के लिए परिभाषित सीमाओ को ना तोड़ पाना ही बहुधा लोगों की असफलता और निराशा का मुख्य कारण है । "
लेखक
" सिर्फ कुछ पैसों में खरीदी गई गाड़ी का सर्विस प्लान होता है तो अमूल्यवान अपने शरीर, जिसमें इतने जटिल तंत्र का वास है, के लिए इंसान के पास कोई भी निश्चित प्लान क्यों नहीं है ?"
लेखक
" कुछ अच्छा करने के लिए अच्छे दिन या प्रहर का इंतजार मत करिए । परिस्थिति और क्षमता कुछ भी हो, पर दृढ़ संकल्प से यदि शुरू कर दी जाए तो जरूर चीजें खुद-ब-खुद प्राप्त हो जाती हैं"
लेखक
" हर किसी के जिंदगी में आगे ले जाने वाले या
चक्रव्यूह में फंसाने वाले अपने ही लोग होते हैं
और आदिकाल से ऐसा ही होता आया है
जरूरत है कि खुद से ऐसे की पहचान करने की
और परखने की और सावधान रहने की। "
लेखक
" हर एक दिन एक अवसर है यदि आप सतर्क रहते हैं अ
अन्यथा नजर घुमाइये है आप पाएंगे कि हर कोई भाग्य, लोग,
या वस्तु पर सहज ही दोषारोपण करने में मशगूल है वह भी
अपनी व्यक्तिगत असफलताओं के लिए ।"
लेखक
" बात छोटी है पर कड़वा सच
परिस्थितियाँ या इंसान तब तक
आपको परेशान नहीं कर सकते हैं जब
तक आप उनके क्रिया पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं "
" कंप्यूटर प्रयोग के समय एक साथ कई टैब खुल जाने पर कंप्यूटर के हैंग होने
से एक बात समझ आई कि वास्तविक जीवन में आजकल इंसानों की भी यही
दशा है हर दिन नए नए विचारों एवं कार्यो के टैब सिर्फ खुल रहे हैं पर इनक़ों
बंद करने के बारे में मुश्किल से ही किसी के पास plan है। परिणाम स्वरूप
लोग मानसिक रूप से टूटे, अक्षम, अकेलापन, और निराशा के शिकार हो रहे
हैं शायद यही मानवता असंतुष्टि का प्रमुख कारण भी बन रहा है "
सादर
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