Teachers Day Special

This blog is about the role of teachers and their importance.

Oct 3, 2023 - 19:46
Feb 7, 2024 - 20:38
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Teachers Day Special

                                             

  

 गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णू,गुरुः देवो महेश्वरा।

 गुरु शाक्षात परब्रम्हा,तस्मै श्री गुरुवे नमः॥


                देश के महान विभूति, प्रसिद्ध वक्ता, दार्शानिक, लेखक और भारतबर्ष के यशस्वी भूतपूर्व प्रथम नागरिक जिन्होंने अध्यापक के रूप में एक अमिट छाप छोड़ी, ऐसे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रेरणा से से मनाये जाने वाले टीचर्स डे की सभी गुरुजनों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये ।

            कहा जाता है कि किसी देश का युवा उस देश की दिशा और दशा दोनों तय करते है. मजे की बात यह है की उन युवाओं की सोच कैसी होगी,उनका भविष्य कैसा होगा, समाज देश,परिवार के प्रति इनके नजरिये का बीजारोपण जिस समुदाय द्वारा किया जाता है, उन्हें हम प्रेम से अध्यापक बोलते है। चाहे माता पिता हो या किताबो को पढ़ाने वाले लोग हो यही हमारी जीवन की नाव को पतवार प्रदान करते है.चुकि किसी देश और समाज की समस्त गतिविधियाँ इन चार समुदायो पर निर्भर करती है अतःसमाज का यह कर्तब्य है की इनका सम्मान सबसे ज्यादा करे जैसे-किसान ,सैनिक,शोधकर्ता,और अध्यापक॥

            एक ईमानदार टीचर एक शोधकर्ता, एक किसान  और समय की मांग पर एक सच्चे सैनिक बन सकता है और बना सकता है। ऐसे में शिक्षकों का कर्तब्य और भी बढ़ जाता है क्योकि उनके अपने विवेक से उनकी सोचने की क्षमता तय होती है और सोच से उनका स्वाभाव और स्वाभाव से उनके द्वारा उनके ज्ञान बाटने की योग्यता तय होती है। जैसे खुद को हर हाल में खुश रखना है चाहे उनके गम के हज़ार कारण क्यों न हो। एक अध्यापक कभी भी अच्छा नहीं हो सकता यदि उसकी सोच पद्दोनति, पारिवारिक समस्याऐ, और वेतन कम होने जैसे मुद्दों पर ही केन्द्रित हो। यदि ऐसा है तो शायद उसे व्यवसाय जैसे व्यापार की तरफ जाना चाहिए क्योंकि एक चीज़ सत्य है की जो खुश होता है वो किसी का अहित करने की नहीं सोच सकता है l

           दुखी व्यक्ति अपने को, अपनी ही सोच की उस जंगीर में जकड़ लेता है।  वास्तव में जिसका कोई मतलब ही नहीं होता है.ये चीज़े 10 -20 साल बाद भूल जाती है यदि कुछ याद रहता है तो उसके द्वारा किया गया काम जिसने बहुत से विद्यार्थियों को एक नयी दिशा दी, उनको जीने का एक नया मकसद दिया। बच्चे ऐसे होते है जिनकी हंसी में कोई मिलावट नहीं होती है,जिनकी सोच पवित्र होती है जीने का सलीका बिलकुल साधारण होता है, जरूरतें सीमित और व्यवहार में अपनापन होता है, ऐसे में अध्यापन सबसे सुखद अनुभवमाना जा सकता है।

              जबकि विश्व के अन्य प्रोफेशन चाहे वो कॉर्पोरटे ,बैंकिंग,या सेवा क्षेत्र हो हर जगह यदि आप सम्बंधित लोगो को देखे तोउनके चेहरे पर या तो मुस्कान होगी ही नहीं या फिर उनमें एक मिलवट नजर आयेगी जिसमे स्वार्थ या संदेह छुपा होगा |

            जगत के सभी महान लोगो में एक चीज़ समान रही है कि जीवन के सभी चरण में उन्होंने अपने बचपना को जीवित रखा है औरबच्चो से बेइंतहा प्यार किया है शायद यही वजह है की आदरणीय अब्दुल कलाम,सम्मानिये राधाकृष्णन,और अटल बिहारी बाजपेई जैसे महान बिभूति आज भी जनमानस में उतना ही प्रिय बने हुए है।


             

               अंत में में टीचर्स दिवस के इस पावन पर्व पर हम अपने उन अगणित और अलोकिक टीचर्स का अस्मरण करते हुए उनकेचरणों में अपने शीश झुका कर हार्दिक वंदन करता हूँ जो जाते-पति, छुआ- हूत, ऊँच-नीच, अमीर-गरीब विद्यार्थियों की पहचान किये बिना अपने जीवन के अमूल्य समय को इस देश के भावी नागरिकों को एक उज्जवल दिशा देने में खपा दिए,और दे रहे है ॥

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