माँ - प्यार, स्नेह और त्याग का एक भावनात्मक शिखर

Mother is not just a word but an emotion, a symbol of love and sacrifice. This poem is dedicated to all the mothers in the world and tries to highlight a few of the key aspects of their life.

May 20, 2023 - 00:39
Jul 13, 2023 - 22:45
 0  82
माँ - प्यार, स्नेह और त्याग का एक भावनात्मक शिखर
Pic Credit- pexels.com

माँ- एक एहसास

 

हर पल का हिसाब रखती है, फलों को सवारी है

माँ इतनी ही प्यारी होती है, जो हर पल दुलारती है

लाख बाधाएं हो मगर, हंसकर ही तुम्हें निहारती है

दुखो का जाल क्यों बिछा हो सर पर कितना

वक्त के कोमल हाथों की थपकियों से वह प्यार करती हैं

 

वक्त वक्त का हो या ना हो पर माँ हर वक्त होती हैं

कभी ख्वाबों में, कभी खयालों में, तो कभी दिन के उजालों में

कभी छांव में, कभी धूप में, तो कभी गृहणी के काम काजो में

कभी चूल्हें के आगे, तो कभी खेत खलिहानो में

सब कुछ करके भी, कुछ करने का अंहकार नहीं होता

आखिर मां तो मां है जिसका विकल्प कोई यार नहीं होता

 

समय बदला, परिस्थितियां बदली और बदल रही अब सोच

स्वार्थी मानव ने मां पर ही किया ना जाने कितनें प्रयोग

समझदारों ने गुहार लगाई अहंकारी ने उनको समझायी

समझ, समझ कर फिर ना समझे फिर बोले उनको यह राश आयी

आखिर कहां छुपा दी गई, मां की वेवश तन्हाई

 

देख पुत्र की मनोदशा मां को क्रोध भी ना पाया

माँ फिर खुद ही मनोदशा को बतलाया

आखिर अपना ही लाल है जिसे मैंने है अपने प्यार से नहलाया

अपमान और तिरस्कार का घूँट भी मां के प्यार को ना कम कर पाया

इसीलिए तो यह शब्दांश प्रस्फुटित हो पाया

आखिर माँ तो माँ है इसका स्थान जहाँ में और कौन ले पाया

 

सादर

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow