शिक्षा - मेरी कलम से

This post shows the education system and educated people who are getting away from various aspects of human values. These are the writer's own thoughts and didn't expect to be followed by others.

May 5, 2023 - 17:12
Jul 13, 2023 - 22:42
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शिक्षा -  मेरी कलम से
Credit- pexels.com/

*** आधुनिक शिक्षा पद्धति और हमारी स्थिति ****


विद्या कब शिक्षा बन गई और गुरु कब सर जी अथवा शिक्षक बन गए और ऐसा होने में बदल गई हमारी सोच ऊपर से सरकारों ने वो किया नही जिसके लिए उन्हें चुना और tax diya जाता है जिस से शुरू हुआ दौर विद्या के व्यवसायीकरण में परिमार्जन का आज हम इस हद तक आ पहुंचे हैं कि आधुनिक शिक्षा सिर्फ आजीविका का माध्यम बन कर रह गई और स्वार्थ की संकुचित सीमाओं में निजी हित का ख्वाब बनकर मानव जीवन के सभी उद्देश्य को खोखला बना रही इस पीढ़ी की जिम्मेदारी दूनी हो जाते जहां एक और आजीविका तो चाहिए ही और दूसरी ओर अपनी संस्कृति को बचाना भी है क्योंकि हम जिस संस्कृति से पलते-बढ़ते हैं गुरुकुल का विचार करते हैं उसमें अपने से पहले अगले ख्वाबों का सम्मान देना सिखाया जाता था हम यह नहीं कह रहे हैं यह शिक्षा जो आज है इसमें हमको कुछ नहीं मिला परंतु मानव होने की एक परिपूर्णता जो हमारे वैदिक शिक्षा में थी आज संसार में हर कोई उसको खोता नजर आ रहा है
आधुनिक शिक्षा पद्धति में कुछ बातें जिन से मैं संतुष्ट नहीं हूं जो निम्नवत हैं
  1. यह बताने में पूर्णत विफल है की जीवन जिया कैसे जाए जीवन का उद्देश्य क्या होना चाहिए और जीवन में हम संतुष्ट क्यों नहीं हो पाते हैं क्या हमारे चाहत की कोई परिसीमा है दूसरों के दुख को देखकर हमें आज कष्ट होना कम क्यों हो रहा है हम कभी कभी अहंकार में अपने आप को साबित करने के लिए अपने से छोटे अथवा गरीबों का शोषण क्यों करते हैं क्या ऐसा करना हमारी व्यवस्था बन गई है प्रोडक्ट में मिलावटीपन हम क्यों करते हैं जबकि हमको पता है की उसी प्रोडक्ट को हम अथवा हमारे साथीगण या हमारे बच्चे खुद ही यूज करेंगे इसके साथ साथ हमारे बातों की महत्ता दिन-प्रतिदिन कम क्यों होती जा रही है या कथनी और करनी मे एक बदा अंतर नज़र रहा है

 

  1. विश्वास करना अविश्वास करना हमारी फितरत बनती जा रही है या फिर एक ऐसे समाज की तरफ बढ़ रहे हो जहां आगामी दिनों में सब तरफ सिर्फ अविश्वास ही अविश्वास होगा क्या कारण है कि हर कोई जेनुइन चीजों की तलाश कर रहा है परंतु खुद जेनुइन बनने के विषय में सोच नहीं रख पा रहा है अधिकतम लोग दोस्तों की संख्या बढ़ाना चाहते है परंतु उनमें से सच्चे दोस्त को ढूंढ पाने में आज भी असमर्थ हैंअधिकतम लोग अधिक से अधिक धन कमाना चाहता है परंतु सिर्फ इतना धन जिससे वह संतुष्ट हो सके को कमाने मात्र से खुश ही नहीं है या उसकी सीमा को define ही नही कर पा रहे है

 

  1. एक और आधुनिक शिक्षा पद्धति की कमतरी यह है कि यह लोगों में ऊंच-नीच आर्थिक रूप से कमजोर अथवा मजबूत होने की भावना को जगा कर लोगों में विकार पैदा कर रही है और इसका परिणाम यह हो रहा है कि आज अधिकांश लोग बड़े बड़े ख्वाब देखते हैं परंतु कर्म नहीं करते ऐसे में ख्वाबों के टूटने से खुद को स्तब्ध पाते हैं परिणाम यह होता है कि वह या तो ड्रग्स की चपेट मे जाते है या फिर खुद ka कोई और नुक़सान कर देते हैं

 

  1. नीतियों का निर्धारण कुछ सीमित व्यक्तियों द्वारा तथा उसकी सोच का परिणाम होने की वजह से शिक्षा कठपुतली की बनकर रह गई है अन्यथा शिक्षा पद्धति जिसमें लार्ड मैकाले जैसे महान व्यक्ति जिन्होंने यह मानते हुए स्थिति को जन्म दिया था भारतीयों में एक ऐसी भावना भरने में सक्षम होंगे और इन्हें जैसे छोटे पदों तक ही सीमित किया जा सकेगा में अभी तक कोई सार्थक परिवर्तन क्यों नही किया गया | हम टेक्नोलॉजी Upgrade करने हेतु करोड़ों अरबों का खर्च कर खरीदते हैं परंतु आज भी research में बजट का कितना कम हिस्सा खर्च करते हैं जो किसी भी देश की उन्नति अवनति का सीधा रास्ता बनाता है क्यूँकि कोई भी तकनीकी आपके पैसे का स्त्रोत ,व्यय का कारण या आपके भविष्य को तय करने की योजना से साबित हो सकती है

 

  1. जहां पूर्व काल में स्टेटस सिंबल का यूज़ किए बिना चाहे राजा हो या रंक एक ही जगह पर एक ही प्रकार के कपड़े पहनकर भिक्षा मांग कर और एक दूसरे की सहायता करके परस्पर सद्भाव से रहते थे और सौहार्द के गुणों का वहन करते थे आज वही हमारे स्टेटस पर डिपेंड करता है कि हमारा बच्चा किस स्कूल में पड़ेगा हमारे लाइफस्टाइल पर डिपेंड करता है कि वह कौन सी भाषा बोलेगा इसकी वजह से एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल रहा है एक बच्चा जो सो कॉल्ड higher स्टेटस से बिलॉन्ग करता है उसे पता ही नहीं है कि देश में समस्याएं कैसी हैं परंतु उसे अच्छी शिक्षा मिल जाती है और वह को बड़े-बड़े पदों पर आसीन होता है और अपने लिए जरूरी या अपने जैसों के लिए जरूरी नीतियों का निर्माण करता है यही कारण है कि आज भी देख पा रहे हैं की एक ऐसी खाई बनती जा रही है जिसमें अमीर अमीर होता जा रहा है गरीब गरीब होता जा रहा है

 

  1. क्या आपने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति जिसका कैरियर peak पर होता है या एक एक अभूतपूर्व संस्थान में दाखिला लेने के बाद एक बच्चा कुछ समय वहां रहकर ऐसी ऐसी छोटी समस्याओं में उलझ कर खुद के जीवन के अस्तित्व को हीनगण्य मान लेता है और कहीं भी लटक जाता है वास्तव में अशिक्षित होने का सबसे बड़ा और प्रथम प्रमाण हैं ऐसी शिक्षा पद्धति का क्या मतलब इसमें आए दिन हम अपना आपा खो दे रहे आए दिन हम अपने आप को परेशान करते रहे हमें अपने ही पर भरोसा ना रहे बगावत के स्वर और प्रेम के अंकुर की परिभाषा ही बदल दी जाए

 

  1. आज की शिक्षा पद्धति में ज्यादातर हम में व्यवस्थित ज्ञान मशीनरी ज्ञान या काल्पनिक दुनिया में ही रखा जाता है और ऐसे पठन-पाठन से हम सिर्फ दो वक्त की रोटी कमा सकते हैं परंतु ईमानदारी धर्म न्याय शिक्षा और नैतिक मूल्यों का जान बहुत ही कम दिया जाता है जिनसे ना केवल चरित्र का निर्माण होता है अपितु जीवन में हर सिचुएशन को समझने की ताकत ही आती है

 

  1. शिक्षित होना एक बात है ज्ञानी होना दूसरी बात शिक्षा सिर्फ सीख दे सकती है ज्ञान हमेशा सर्वांगीण विकास करता है इतिहास गवाह है कि अब तक की समस्त समस्याओ को सिर्फ शिक्षित लोगों ने ही खड़ा किया है हम प्रदूषण से परेशान हैं पेड़ की कटाई कर रहे हैं पर्वतों की खुदाई कर रहे हैं जिसके कारण बाढ़, भूकम्प आदि समस्याएं पैदा हो रही है जबकि एक अशिक्षित व्यक्ति हमेशा पेड़ लगाने की बात करता है चट्टानों को बचाने की बात करता है नदियों के पानी को ना रोकने की बात करता है एक अशिक्षित ज्यादातर समय अपने परिवार के बीच में व्यतीत करने की बात करता है जबकि एक शिक्षित व्यक्ति भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ मात्र पैसो के पीछे भाग भागकर अपनी जिंदगी को बिता रहा होता है

 

  1. जहां एक तरफ आधुनिक शिक्षा ने जमीन से लेकर आसमान तक परिवहन की सुविधा प्रदान की वही लड़ाकू विमान और परमाणु बम जैसे भयानक अस्त्रों का भी प्रादुर्भाव किया संचार माध्यम से हम एक दूसरे के मिलो दूर रहते हुए भी जुड़े हुए महसूस करते हैं परंतु इंटरनेट जैसे होने की वजह से शायद ही एक दूसरे से बातचीत कर रहे होते हैं जहां हमें मेडिकल के क्षेत्र में उन्नति से ऐसी बीमारियों का इलाज संभव हो पाया है जो कदाचित हुआ करते थे
परंतु प्रदूषण जैसी समस्या की वजह से रोगों में आशातीत वृद्धि हुई है इसका प्रमुख कारण औद्योगिकीकरण नगरीकरण तथा प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन है आधुनिक शिक्षा पद्धति की जरूरत तो है परंतु साथ नैतिक मूल्यो का जुड़ना आवश्यक है तो हम पाएंगे उन्नति तो कर रहे हैं खुश हुए हैं आगे तो बढ़ रहे हैं लोगों को साथ में लेकर हम कदाचित अहंकार के झूठे परमार के सपनों से दो-चार होने से बच पाएंगे और एक ऐसे सुंदर समाज की तरफ अग्रगमित होंगे जिससे समाज में आपसी मेल भाव आपसी विश्वास और लोगों को साथ में लेकर चलने की इच्छा रखने वाले लोगों की इज्जत होगी
सादर ????????

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